माँ से लेकर संगिनी हूँ मैं हर रिश्ते में बसी रागिनी हूँ मैं माँ से लेकर संगिनी हूँ मैं हर रिश्ते में बसी रागिनी हूँ मैं
आज नारी लोकव्यवहार व नेग रिवाज ही नहीं अपने कंधों पर है भारी जिम्मेदारी उठा रही, स् आज नारी लोकव्यवहार व नेग रिवाज ही नहीं अपने कंधों पर है भारी जिम्मेदारी उठा ...
मैंने मानवता को जिंदा रखा है फिर भी, मैं व्यर्थ के आरोप जहन में लपेटे हूँ। मैंने मानवता को जिंदा रखा है फिर भी, मैं व्यर्थ के आरोप जहन में लपेटे हूँ।
इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो। इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो।
खिलते रहेंगे जीवन में रंगभरे सुंदर "पलाश" खिलते रहेंगे जीवन में रंगभरे सुंदर "पलाश"
ज़िन्दगी के हर पहलु को समझना मुश्किल है, किसी से उम्मीद रखना फ़िज़ूल है | ज़िन्दगी के हर पहलु को समझना मुश्किल है, किसी से उम्मीद रखना फ़िज़ूल है |